समिति की सम्पत्ति :- समिति की सम्पत्ति दो प्रकार की होगी -
1. स्थायी सम्पत्ति :-
- समिति के पास स्थायी कोष जैसे ब्वतचने थ्नदकेए पूँजी कोष, आजीवन सदस्यता कोष, प्रारक्षित निधियाँ, स्थायी निधियाँ इत्यादि का जो बैक में जमा रूपया तथा चल अचल सम्पत्ति इस समय है या जो भविष्य में किसी प्रकार के कोष में प्राप्त हो अथवा जो शुल्क आजीवन समिति सदस्यों से प्राप्त हो, वह सब समिति की स्थायी सम्पत्ति होगी तथा यह साधारण कार्यां के लिए व्यय नहीं होगी। केवल उससे प्राप्त आय ही समिति के उद्देष्यों की पूर्ति के लिये व्यय हो सकेगी।
- यदि कोई समिति सदस्य व्यक्ति/संस्था इत्यादि समिति को अपनी समस्त चल एवं अचल सम्पत्ति या उसका कोई निष्चित भाग स्थायी रूप से स्वामित्व सहित, बिना किसी प्रतिफल के, जिससे कि समिति को हित हो तथा जिसे समिति स्वीकार करें, तो समिति को उसे स्वीकार करने का अधिकार होगा तथा ऐसी सम्पत्ति आगे से समिति की स्थायी सम्पत्ति हो जायेगी।
- जो दान समिति को स्थायी निधि के रूप में विषेष कार्यों में व्यय करने के लिये अब तक मिला है या जो भविष्य में इसी प्रकार मिले वह भी समिति की स्थायी सम्पत्ति में शामिल होगा। उससे प्राप्त आय उन्हीं निर्धारित कार्यों में व्यय हो सकेगी। तत्पष्चात् बची हुई धनराषि अन्य कार्यों में भी व्यय हो सकती है।
- नयी स्थायी सम्पत्ति खरीदने/बनाने एवं विकसित करने में भी स्थायी सम्पत्ति का उपयोग हो सकता है।
2. अस्थायी सम्पत्ति :-
- स्थायी सम्पत्ति से प्राप्त आय, साधारण समिति सदस्यों का शुल्क तथा अन्य दान आदि समिति की अस्थायी सम्पत्ति होगी।
- समिति के उद्देष्यों की पूर्ति हेतु जितने द्रव्य की आवष्यकता हो वह अस्थायी सम्पत्ति से लिया जायेगा।
- अस्थायी सम्पत्ति में जो दान किसी विषेष कार्य के लिए प्राप्त हो वह केवल उसी कार्य के लिये व्यय हो सकेगा।
- अस्थायी सम्पत्ति में से वर्ष के सम्पूर्ण व्यय के बाद जो भी बचत हो उसको वर्तमान में प्रभावी आयकर अधिनियम के अनुरूप समिति के हितों को ध्यान में रखते हुए कार्यकारिणी की अनुषंसा से स्थायी कोष अथवा प्रतिभूतियों में स्थानान्तरित अथवा नियोजित की जा सकेगी।
नोट :-
- चैकों पर हस्ताक्षर करने का अधिकार केवल कोषाध्यक्ष तथा सचिव को होगा। इसकी सूचना बैंक इत्यादि को लिखित रूप में सचिव द्वारा दी जायेगी।
- समिति की स्थायी सम्पत्ति समिति के निर्देषानुसार उसके नाम से सचिव द्वारा सुरक्षित निधियों में रखी जावेगी।
- समिति की अचल सम्पत्ति को बिना साधारण समिति की अनुमति के बेचा अथवा रेहन नहीं रखा जा सकेगा। साधारण समिति की अनुमति प्राप्त होने पर ही अध्यक्ष, सचिव एवं कोषाध्यक्ष समिति के निर्णय का अनुपालन करेंगे।